पर उनका एहसास नहीं हो पाता
जो एहसास भी हो जाए अगर
तो उसे ज़ाहिर नहीं कर पाते
ज़ाहिर न कर पाने से
ग़लतफ़हमियाँ पैदा हो जाती है
जो के दूरियाँ बढाती है
बातें बनती जाती है क्यूँकी
कल्पनाओ का विस्तार अनंत है
की सारी हदें टूट जाती है
इसीलिए यथार्थ जाने बिना
प्रतिक्रिया वैध नहीं होती
उसे भी कसौटियों पर परखना चाहिए
मन में सोचने से कुढन होती है
मन में कुछ भी कभी नहीं रखना चाहिए
जिनसे प्यार करते है उनसे
रिश्ते अति मूल्यवान होते है
गलती किसी की भी हो
समझौता कर लेना चाहिए!
4 comments:
ati sundar vichaar :)
dhanyawad :)
mere se to kabhi maafi nahi maangi!
ha ha doston se maafi maagne pade aise dosti ka kya fayda!
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