लोग खामखा ही चाँद की तारीफ करते है
जो इतना दूर है उसे पाने की ख्वाहिश रखते है
नजाकत तो इतनी ज़मीन पर भी है बाखुदा
शायद खूबसूरती शब्द भी उन्हें देख कर ही इजाद हुआ
तुलना चाँद से उनकी तो बस यूँ ही करते है
हर पल में उनकी ख़ुशी की उम्मीद जो रखते है
चाँद का क्या बिगड़ेगा उसकी चाहत तो हजारों रखते है
क्रमशः ..